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Sunil Gupta teacher

Inspirational Others

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Sunil Gupta teacher

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राष्ट्रप्रेम गीत (24)

राष्ट्रप्रेम गीत (24)

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 सुनो कहानी तुम वीरों की,

 मेरे देश के वासियों।

 चेहरे उनके शिकन नहीं थी,

 हंसे चढ़े थे फांसी वो।।  


मोह नहीं परिवार का उनको, 

हुये देश के खासी बो।  

दर - दर की बो ठोकर खाये, 

रोटी खाई बासी बो।।


मातृभूमि उनका तीरथ,

जैसे मक्का काशी हो।।  

मातृ भूमि की सेवा हित, 

सिर कटवाये आसी वो।।  


नाम हमारे वीरों के सुन, 

फिरे फिरंगी वासी वो।

चले गये भारत से डरकर, 

दुनिया उन पे हंसी हो।।  


अंग्रेजों के होश उड़ाये, 

वीर थे भारतवासी वो।  

नमन करें हम उन वीरों को, 

है भारत के खासी वो।।



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