ना जाने कहाँ, कहाँ गया, चढ़ावा चढ़ाने ना जाने कहाँ, कहाँ गया, चढ़ावा चढ़ाने
मातृभूमि उनका तीरथ, जैसे मक्का काशी हो।। मातृभूमि उनका तीरथ, जैसे मक्का काशी हो।।