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Vaishnavi Mohan Puranik

Inspirational

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Vaishnavi Mohan Puranik

Inspirational

रानी अवंती बाई

रानी अवंती बाई

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अंग्रेजों का झूठा घमंड तोड़ा

रणछोड़ बना के उनको छोड़ा

हाथों में धरी क्रांति की मशाल

गोरों का किया हाल बेहाल 

पिलाया घाट घाट का पानी

महान हो तुम रामगढ़ की क्षत्राणी


मनकेड़ी जिला सिवनी में जन्मी नाम अवंती बाई

विक्रम जीत संग ब्याह कर रामगढ़ आई

करुणा दया प्रेम की प्रतिमूर्ति 

इतिहास के पन्नों पे अमर तुम्हारी किर्ती

हुआ ना दूसरा कोई तुम्हारा सानी

महान हो तुम रामगढ़ की क्षत्राणी 


सत्तावन के समरकुंड का बिगुल बजाया 

सोये हुए शेरों को तुमने जगाया 

बिजली जैसी शत्रुओं पर गरजी

रणचंडी बन रण में तुम बरसी

मातृभूमि की खातिर लड़ी मर्दानी

महान हो तुम रामगढ़ की क्षत्राणी 


कालिका का रुप दुर्गा का थी अवतार

प्रजा जन के जीवन का बनी आधार

अकेली ही तुम शत्रु पे भारी पड़ी

सिंहनी बन रण के मैदान में रही खड़ी

हार ना तुमने किसी कीमत पे मानी

महान हो तुम रामगढ़ की क्षत्राणी 


याद रखेंगे हम हिंदुस्तानी 

अवंती बाई तुम्हारी कहानी

भूलेंगे ना कभी तुम्हारा बलिदान 

हदय से करेंगे सदा सम्मान 

शत शत नमन तुम्हें महाराणी

महान हो तुम रामगढ़ की क्षत्राणी 



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