रामा
रामा
भाव बिभोर हृदय हो जाये
भाग्य सदा उदय हो जाये ।
साथ मिले जब ऐसा पात्र
पुण्य कर्म का ही फल मात्र ।।
आज कि अस्तित्व अमर देखो
प्राप्त फल समय समर देखो ।
करता नमन मन उन्हें काया
सफलता मिला उनकी माया ।।
चरित्र जिनका देख लाभ हो
प्रतिफलित उनका स्वभाव हो ।
जग कहते उससे रघु रामा
आशीर्वाद रहे प्रभु रामा ।।