भाव
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अर्चना कामना पूजा कर, भावना छाया रखो
नैनिका नियति देखे पाखी, रागिनी माया लिखो ।
यामिनी वारुणी लाये जब, ज़ारा महकती यहां
आकांक्षा आनंदी रख, आँचल लहरती वहां ।।
आराध्या सनाया करे शिव, आरोही मिले कहीं
श्रुति धृति अन्वेशा लिए, सोनिया दिखे यहीं ।
अनुभा इक्षिता रखे मोना , प्रिये गुलाब लिखो
आकृति मन की आरधना कर, प्रिती भाव को सिखो ।।
