राम नाम
राम नाम
रे मन!राम नाम जप लीनो,
भला उसी का है इस जग में,जाने जतन से कीनो।।
नाम की महिमा "राम" ही जानै,कोटिन पाप हर लीनो।।
जन्म-जन्म की पाप की गठरी,पल में हल्की कीनो।।
भरा अनेकों बिषयों से मन था,अमृत से भर दीनो।।
भोग-विलास में जीवन बीता,अब तो सुधि-बुधि लीनो ।।
तुम्हरे नाम से पत्थर तैरें,मुझ पर भी कृपा कीनो।।
तुम तो हो घट-घट के वासी,"नीरज" को सफल कर दीनो।।