"राम नाम की महिमा"
"राम नाम की महिमा"
राम नाम ही सार,
जगत में राम नाम ही सार।
अंत समय में काम में आवें,
लगावे बेड़ा पार।
जगत में रामनवमी सार।
कलियुग केवल नाम अधारा,
सुमिर-सुमिर नर उतरहि पारा।
ब्रह्मा विष्णु भजे निरंतर,
वेद न पावै पार।
जगत में राम नाम ही सार।
कलियुग केवल हरि नाम गुन गाहा,
सुमिरत नर पावइ भव पाहा।
कल्पवृक्ष सम है फलदाई,
सब गुन को आगार।
जगत में राम नाम ही सार।
कलि केवल मल मूल मलीना,
पाप पयोनिधि,जन-मन पीना।
शिव-शंभु जाहे जपै निरंतर,
सब वेदन को सार।
जगत में राम नाम ही सार।।
