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Ravindra Dhing

Classics

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Ravindra Dhing

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राम कथा - कर्म कथा

राम कथा - कर्म कथा

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जो भी अवतारी हुए,

कब कर्म पर भारी हुए ।

राम कथा ही देख लो,

सब कर्म से दण्डित हुए ।

हम पढ़ेंगे इस कथा को,

कर्म केंद्रित करते हुए ।

और समझेंगे कि कैसे,

श्रीहरि भी शापित हुए ।।


स्वयंभू के तपोबल से,

श्री राम रघुवंशी हुए।

अजा सुत के घर जनम के,

राम जन जन के हुए।

एक शर के भटकने से,

हा ! नेमि भी शापित हुए।

आत्मज वियोग में तज के भूतल,

दशरथ अहा! परलोकि हुए ।।


ब्रह्मा जी के कुल के दीपक,

वेदज्ञ, महापंडित रावण हुए

पुष्प सम शिव मस्तक चढ़ा कर,

दशानन त्रिलोकी हुए।

सब सध गया पर काम ना साधा गया,

माया, नलकुबेर आदि से लंकेश भी शापित हुए।

दम्भ टूटा, कुटुंब छूटा,

लंकापति अहा रज-सम हुए ।।


गुरु वशिष्ठ से ज्ञान पाकर

जो अवध अधिकारी हुए

एक क्षण में तज के सबकुछ;

श्री राम कानन प्रभारी हुए

सुदर्शन के असर से जब काव्यमाता बेसुध हुई

भृगु ऋषि से श्राप पा श्रीहरि संसारी हुए

कपिल मुख की चाह पर भी जब नारद कपि सम हुए

तब चक्रवर्ती भरतवंशी भी वानर के आभारी हुए ।।


हर एक युग में जन्म ले कर

कर्म सेवक श्रीहरि हुए

द्वापर में गीता कही पर

त्रेता में ही उदहारण अति भारी हुए।।


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