राम भक्त तुलसीदास
राम भक्त तुलसीदास
भक्ति काल के रसिक शिरोमणि,
राम भक्त श्री तुलसीदास ।
राम कथा जन जन तक पहुंचे,
जीवन भर यह किया प्रयास ।।
राम नाम एक कल्पतरू है,
राम नाम ही है सुख सार ।
राम चरन पंकज वश जा उर ,
भव सागर से होवे पार ।।
पिता पुत्र राजा गुरु पत्नी ,
सेवक का भी धर्म बताया ।
देखि मित्र दुख द्रवहु दीन ,
का हित करना सिखलाया ।।
सद्कर्मो को करो सदा ही,
दुष्कर्मो का त्याग करो ।
राम बने नर नारी सीता ,
बन अनीति प्रतिकार करो।।
जाति और मत भेद भुलाकर ,
प्राणिमात्र का हित करिए ।
तुलसी कहे सदा भय हारी ,
राम चरन में चित धरिए ।।