रागिनी राग की
रागिनी राग की
वह फाग फाग फाल्गुनी
वह झन झन झंकार सी
वह रात सजाती चाँदनी
वह राग राग की रागिनी।।
वह तान तान तरंगिणी
वह सन सन पुरवाई सी
वह सपने जगाती कामिनी
वह राग राग की रागिनी।।
वह जगमग जगमग जुुगनी
वह थपकी देती लोरी सी
वह घन घन करती दामिनी
वह राग राग की रागिनी।।
वह कल कल नदियाँ
वह मदमाती अंगड़ाई सी
वह फुुसफुसाती खामोशी
वह राग राग की रागिनी।।
वह अंंग अंग फुलवारी
वह मस्त मस्त तन्हाई सी
वह रंंग रंग रंगती जामिनी
वह राग राग की रागिनी।।
वह खन खन किलकारी
वह जज्बात संवारती बात सी
वह मिठास घोलती चाशनी
वह राग राग की रागिनी।।
