राधा कौन है.....?
राधा कौन है.....?
हम जब अपने ,
अस्तित्व से ऊपर हो ।
अपना साक्षात्कार पा जाते है,
ईश्वर आधाररूप प्रेम हो जाते है।
समर्पित प्रेम भरा हृदय,
फिर हमारा ही भला ,
क्यों न हो।
हम और आप भी,
उस क्षितिज बिंदु पर,
राधा हो जाते है।
जब समर्पित हो जातें है।
राधा कौन है.........?
राधा हमारा आसित्व है ।
प्रेम है.......!
हम पैदा होते है।
अपने घर, आस-पास
सब महौल में रम जाते है।
और दूर होने पर भी,
अपनी जड़ों में रमा रहता है।
वो प्रेम में रमा राधा ही हो जाता है।
राधा कौन है..........?
राधा समर्पण है।
सच्चा प्रेम बदला नही मांगता है ।
वो समर्पित हो जाता है।
बिना शर्तो पे,
जो प्रेम करता है।
वो राधा हो जाता है।
राधा कौन है........?
राधा भक्ति है।
जो ध्येय को समर्पित हो,
ध्यान पा जाता है।।
प्रेम में एकीकृत हो,
साकार से निराकार हो जाता है।
वो राधा हो जाता है।
राधा शक्ति है।
सहनशीलता की ।
इंतजार है,
हम जन्म-जन्म के बंधन से,
जब छूट जायेंगे ।
उसी में एकीकार हो जायेंगे।
कण -कण में,
जो कृष्ण है ।
कण-कण को प्रेम करते हुए।
सब राधा हो जायेंगे ।
