प्यार!
प्यार!
प्यार को कभी ऑंख की
गलती ना समझा करो
प्यार जब होता है
सुरत नहीं देखता
जात नही देखता
औकात नहीं देखता!
प्यार तो प्यार है
अंदरुनी आवाज है
प्यार के सामने
कोई मजहब नहीं
कोई मसनद नहीं
कोई मनसब नहीं !
प्यार है परे
ईन ईन्सानी बातों से
प्यार धोखा नही
प्यार झॉंसा नहीं
प्यार निभाने प्रेमी
जान भी खो देते है!
प्यार को समझने को
कभी प्यार तुम किया करो!
