प्यार परिवार का
प्यार परिवार का
सिर्फ चार दीवारी से नहीं बनता,
घरौंदा प्यार का,
जहाँ मेरे अपने खड़े होते,
वो होता आशियां प्यार का,
इसलिए जरूरी है प्यार परिवार का I
बिना बोले जहाँ,
सब आपकी बहुत फिक्र करते हों,
जहाँ हमें न ढूंढना होता ,
कोई भी बहाना प्यार का,
इसलिए जरूरी है प्यार परिवार का I
सच्चाई जुबान से नहीं,
आंखों से परखी जाती जहाँ,
वो द्वार आज भी गवाह है,
जो करता इंतजार अपनों का,
इसलिए जरूरी है प्यार परिवार का I
जहाँ त्योहारों में ,
खुशियाँ दोगुनी हो जाती है,
सबसे अनुपम मिलता,
हमको उपहार अपनों के प्यार का,
इसलिए जरूरी है प्यार परिवार का I
जहाँ परिवार को मिलता रहता,
बुजुर्गों का आशीर्वाद
वहाँ भरा रहता खजाना,
तजुर्बां के खान का,
इसलिए जरूरी है प्यार परिवार का I
जहाँ होती भाई-बहन की,
प्यारी - प्यारी-सी नोकझोंक,
उन हाथों में बंधता है धागा,
भाई- बहन के विश्वास का,
इसलिए जरूरी है प्यार परिवार का I
परिवार के सदस्यों में ,
भले ही छोटी-मोटी तकरार होती,
पर रिश्ता जुड़ा है,
आपस में प्रेम भावना का,
इसलिए जरूरी है प्यार परिवार का I
हम अपने सारे सुख-दुःख,
बाँट देते हैं जिनके संग,
उनसे ही मिलता हमें,
मान सम्मान और ज्ञान हमारी संस्कृति का,
इसलिए जरूरी है प्यार परिवार का I