प्यार में धोखा
प्यार में धोखा


माना कि बाहों में हो फूल सदा, ये जरूरी तो नहीं
काँटों का दर्द भी, कभी तो सहना होगा।
राहों में छाव हो सदा, ये जरूरी तो नहीं
धुप की चुभन में, कभी तो रहना होगा।
हंसी खिलती रहे सदा , ये जरूरी तो नहीं
पलकों पर जमे अश्को को, कभी तो बहना होगा।
हर पल रहे खुशनुमा सदा, ये जरूरी तो नहीं,
थम सी गयी है जिन्दगी, कभी तो कहना होगा।
पर तुम्हें खुश रहने की कोशिश तो करना होगा।