प्यार की मीठी-मीठी शैतानी
प्यार की मीठी-मीठी शैतानी


करो ना गुस्ताखियां कि बढ़ ना जाए प्यार की चुभन,
दिल को आ जायेगा थोड़ा सा सुकून।
इन्हीं हसीं लबों को कब से चूमने को,
बेकरार है मेरा ये तन-बदन सनम।
कहीं हो ना जाए हमसे ऐसी कोई नादानी,
चलो सोकर खोकर सपनों में करेंगे ये मीठी-मीठी शैतानी।