STORYMIRROR

Kamini sajal Soni

Abstract

3  

Kamini sajal Soni

Abstract

प्यार के रंग

प्यार के रंग

1 min
255

करो कुर्बानी याद वीरों की

न खेलो तुम यू खून से होली।

यह प्यारा देश है अपना

सजा दो प्यार के रंगों की होली।


न छेड़ो दंगे फसाद और जंग

भर लो जीवन में प्यार के रंग।

धरा यह कितनी सुंदर है

ना करो तुम इसको बदरंग।


नफरत के अंगारों से मत खेलो

झुलसने के सिवा क्या पाओगे।

कोई ना कोई तो किसी का अपना है

अपनों की ही लाशों को क्या कांधे पे उठाओगे।


बुराई पर अच्छाई की जीत होली है

जीवन में हो प्यार के रंग होली है।

मिटा दो हिंसा को जीवन से

सजा लो प्यार के रंग होली है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract