प्यार का दिया
प्यार का दिया
रात भर प्यार का दिया हम जलाते रहे
जितने भी गाये गीत उनको हम गुनगुनाते रहे
वो मदहोश होके आगोश मे लिपटे थे मेरे
उनके बदन को रात भर जवानी से भिगोते रहे
रात भर प्यार का दिया हम जलाते रहे
वो करवटें बदल-बदल के उनके जिस्म का टूटना
वो उनका पतले से आँचल से यौवन को ढाँकना
ना होश रहा हमको ना होश रहा उनको
वो रात भर चुम्बनों से किस्सा-ए-काम सुनाते रहे
रात भर प्यार का दिया हम जलाते रहे
कहीं रात बीत न जाये प्यार रह न जाये
है खबर प्यार की कुछ उनको और हमको
पर डरता है दिल कहीं कोई भूल हो न जाये
भूल अगर होती है तो आज भले हो जाये
ये प्यार का सिलसिला अधूरा न रह जाये
हम आलिंगनों से सिलसिला यूँ ही बढाते रहे
रात भर प्यार का दिया हम जलाते रहे
जब सुबह हो गयी रात भी बीत गयी
बिस्तरों की सलवटें देख के
यादें फिर बढ़ने लगी
काश वो वक्त वहीं थम जाये
मेरे रात का प्यार यौवन की तरह पनपता रहे
रात भऱ प्यार का दिया हम जलाते रहे
जितने भी गाये गीत उनको हम गुनगुनाते रहे
रात भर प्यार का दिया हम जलाते रहे।

