रात भर प्यार का दिया हम जलाते रहे जितने भी गाये गीत उनको हम गुनगुनाते रहे। रात भर प्यार का दिया हम जलाते रहे जितने भी गाये गीत उनको हम गुनगुनाते रहे।
सागर से गहरी है ममता, शुचि प्रेम का अनुबंध बेटियां सागर से गहरी है ममता, शुचि प्रेम का अनुबंध बेटियां
आँसू नहीं आँखों से, लहू गिरते हैं। आँसू नहीं आँखों से, लहू गिरते हैं।
यूँ ही गुनगुनाते रहो लगता है भविष्य चला आता तुम्हारे पास यूँ ही गुनगुनाते रहो लगता है भविष्य चला आता तुम्हारे पास