प्यार होने दूं?
प्यार होने दूं?
कितनी खूबसूरत थी वो रात,
जब हुई थी तुमसे पहली बार मुलाकात ।
हार बैठा था दिल मैं अपना,
करनी थी तुमसे दिल की बात ।।
खास थे वो लम्हे, खास थे वो जज़्बात,
संभाले संभाल नहीं रहे थे मेरे दिल के हालात,
खयालों मे तुम्हारा चेहरा था, नींदों में भी इनका ही पहरा था,
कुछ सोच ही रहा था तुम्हारे बारे में,
तभी याद आया पिछले बार का जख्म भी बहुत गहरा था ।।
दिल तो नादान है, भटकना इसका काम है,
जो गलती कर चुका हूं उसको दोहराऊ कैसे,
समझने को तयार नही ये दिल इसे समझाऊं कैसे?
कुछ बातें इस दिमाग में अभी भी बैठी है,
कुछ यादें इस दिल में सिमट के रहती हैं,
प्यार तो नाम से ही प्यारा होता है,
चेहरे से मुस्कुराहट छीन के दर्द का सहारा देता है,
टूटे हुवे इस दिल के चेहरे पर आज फिर मुस्कुराहट है,
खामोश बैठे इस दिल में आज फिर से किसी की आहट है,
प्यार हो रहा है इसे होने दूं?
इस दिल को एक बार फिर से खोने दूं?
अंजाम ए मोहब्बत तो पता है,
खुद को रोक लूं या एक बार फिर इसे रोने दूं?
प्यार हो रहा है इसे होने दूं?

