खुद से प्यार
खुद से प्यार
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टूट जाती है नींद,
टूट जाते हैं सपने,
दुनिया की इस भीड़ में
बहुत कम मिलते हैं अपने ।।
कोई दूर रह कर भी अपना है
किसी को जबरदस्ती अपने पास रखना है
जो पास है उनकी कदर नही
मगर जो नही मिल सकता सिर्फ उनका ही सपना है ।।
बेहतर के होते हुए भी बेहतरीन की तलाश है
समंदर के होते हुए भी पानी की प्यास है
जुबान बहुत मीठी है, मगर फिर भी रिश्तों में दरार है
दिखाने को दुनिया से, मगर यहां तो सबको सिर्फ खुद से प्यार है ।।
