प्यार हो तो करो
प्यार हो तो करो
कली को फूल होना अभी बाकी है, कोई तोड़ने की गुस्ताखी मत करना
उसका महफ़िल में महकना अभी बाकी है ,
भौरो का मंडराना अभी बाकी है , किसी के गले का हार बनाना बाकी है
चंद ही दिन तो हुए बगिया में आए, अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है
अभी दुनिया को हँसाना बाकी है,
तुम्हारी चाहत है जो उसे तोड़कर अपना बनाने की ,
उसका मकसद खिलकर तुम्हारी बगिया है सजाने की
बस कुछ वक्त की ही बात है , तुम्हे असर दिखाने वाली है ,
अपनी मनमोहक सुगंध से अपना बनाने वाली है
क्यू अड़े हो इसे तोडने के लिए, जियो खुशियां बाटने के लिए
प्यार हो तो करो, नफ़रत से प्यार किसी को ना करो!
