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ritesh deo

Abstract

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ritesh deo

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प्यार और जिंदगी

प्यार और जिंदगी

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दिल का लगना और है ये दिल्लगी कुछ और है

इश्क होने पर मैं समझा आशिकी कुछ और है


रात दिन मैं बात करता हूँ तेरी तस्वीर से

ये नशा कुछ और है ये मयकशी कुछ और है


यूँ तो जाने कितनी ग़ज़लें आशना मुझसे रही

तुमको देखा तो लगा की शायरी कुछ और है


रात है पूनम की और उस पर तसव्वुर है तेरा

चाँद अब कुछ और है ये चांदनी कुछ और है


तर-ब-तर है प्यार की खुशबू से इस दिल का चमन

आजकल चेहरे पे मेरे ताज़गी कुछ और है


नाम पढ़ लेते हैं तेरा लोग चेहरे पर मेरे

आज कल होठों पे मेरे ये हँसी कुछ और है


ऐ •आशु• प्यार हो जाने पे जाने क्या हुआ

ये समझ लो आजकल ये ज़िंदगी कुछ और है।


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