पुनर्जन्म
पुनर्जन्म
मैं पुनर्जन्म में
विश्वास नहीं करता
न मृदुल नयन
मेरी कभी देखा है
साक्षात् ईश्वर को
गर यह सत्य है,
तो है! प्रभु
मुझे अगले जन्म में-
एक बेटा के रूप में
उनका गोद भर देना
जो बैठे है आश लगाएं
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर में ।
मुझे जल का श्रोत बना देना
उनके निराश मन को भिंगा दू
जो बीज बोए ताक रहे है
आरी पर बैठ अम्बर को ।
मुझे जन्म देना
एक पोधे में
ताकि इस जनम में
हुए कुछ पाप को
सदाबहार बन धो लू खुद को
इस जहां को वायु देकर
पथिक को आराम देकर ।
मुझे पता है
मैं भी काटा जाऊंगा
जैसे लोग आज काट रहे है
मुझे दोबारा ‘ अगम ’ के
चेहरा से ढक देना
मैं लिखा जाऊं
इस जग के झूठ
और हकीकत से।
