पुण्य
पुण्य
पाप और पुण्य
होता है उनके लिए
जिन्हें महसूस होता
उन्होंने कुछ गलत किया।
हम जैसों का क्या
स्कूल के शिक्षक
बच्चों को पढ़ाना
बच्चों की भलाई।
समाज का उत्थान
भावी भविष्य
जागरूक नागरिक
प्रयासरत सत्कर्म।
ईमानदारी से
जीवन यापन
क्या हिसाब करूँ
पाप पुण्य का।
तीन बंडल
चैकिंग शुरू
जो पास वो खुश
जो कम रहेंगें
और मेहनत उनके साथ
कर्मों का फल यहीं
इसी जन्म में मिल जाता।
बस कर्म करो
सत करो
स्वार्थ रहित
सब सही होगा
पाप/पुण्य
मन में न आएगा
स्वर्ग का आनंद
यहीं पा जाएगा।