अजय गुप्ता
Inspirational
पथिक हूं इस धरा पर,
एक सार्थक यात्रा करनी है।
न थकना है न रुकना है,
हर हाल में आगे बढ़ना है।
सत्य प्रकृति दृढ़ निश्चय से,
प्रभु से क्षितिज पर जा मिलना है।
अमृत
यादों की दुनि...
गर्भ शिशु
रहबर
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पीपल पर्णिका
कैनवास
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लॉक डाउन का व...
देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा दान। देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा द...
सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया। सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया।
मैं फूलों सा ही खिलता हूँ मैं दीपक हूँ, मैं जलता हूँ। मैं फूलों सा ही खिलता हूँ मैं दीपक हूँ, मैं जलता हूँ।
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी
उजागर सत्य से--- उफ ! बदलती जरूरतें, बदलते तहखाने। उजागर सत्य से--- उफ ! बदलती जरूरतें, बदलते तहखाने।
इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है! इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है!
पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम. पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम.
हर वर्ष कुछ पेड़ लगाकर बच्चों सा उनको पालूँगी! हर वर्ष कुछ पेड़ लगाकर बच्चों सा उनको पालूँगी!
उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ही तो मेरी जागीर है।.... उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ह...
बना हुआ है सबके मन में अपना ही एक संसार उतना ही ये फैलता जितने आते रहते हैं विचार। बना हुआ है सबके मन में अपना ही एक संसार उतना ही ये फैलता जितने आते रहते हैं व...
खुद को पहचानो और खुद के लिए जगह बनाओ। खुद को पहचानो और खुद के लिए जगह बनाओ।
सोए हो सिंह तुम्हें माता ने बुलाया है, धू-धू करे धरा किसने यह आग लगाया है। सोए हो सिंह तुम्हें माता ने बुलाया है, धू-धू करे धरा किसने यह आग लगाया है।
आसान नहीं होता है अस्तांचल गामी सूर्य होना। आसान नहीं होता है अस्तांचल गामी सूर्य होना।
और उन्होंने जवाब दिया ताकि आपके पास अपनी समस्याओं को साझा करने के लिए कोई हो ! और उन्होंने जवाब दिया ताकि आपके पास अपनी समस्याओं को साझा करने के लिए को...
अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा। अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा।
बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को जगाते हैं. बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को...
मेरे बच्चे क्यों रहेंगे साथ मेरे मेरे बच्चे क्यों रहेंगे साथ मेरे
वक़्त का दामन थामे रहना ये जीवन का सार मत करो। वक़्त का दामन थामे रहना ये जीवन का सार मत करो।
ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता। ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता।
एक विश्वाश एक समर्पण और सबसे अहम मुझ- सी चाहत ! एक विश्वाश एक समर्पण और सबसे अहम मुझ- सी चाहत !