पता नहीं मुझमें पत्तियां आएंगी या नहीं
पता नहीं मुझमें पत्तियां आएंगी या नहीं
किस रंग का हूं,
किस छाल,
किन शाखाओं का,
पता नहीं,
मुझमें
पत्तियां आएंगी या नहीं,
फूल छपेंगे क्या ?
पता नहीं ?
सूखा रह लूंगा
हमेशा की तरह,
पानी तुम्हारी
नशों में दौड़ता है,
सूखे में
तुम हलक में आना,
गीले जहर की तरह !