पर्यावरण
पर्यावरण
धरती को स्वच्छ और सुंदर बनाए ,
आँचल इसका वृक्ष से हरा कर जाए ,
जन जन मे ये संदेश पहुंचाये ,
देश को अपने प्रदूषण मुक्त बनाए।
हवा मे जहर घुल रहा है ,
निर्दयी मानव वन काट रहा है ,
तन मन हो रहा है रोग पीड़ित ,
समय हाथ से निकल रहा है ।
एक पेड़ लगाने का नियम बनाए ,
उसको प्यार से सींचे और बढ़ाए ,
हरियाली ही हरियाली हो चहुँ ओर ,
सबका जीवन स्वस्थ बनाए ।
पैदल चले या साइकिल चलाए ,
शरीर को भी रोग मुक्त बनाए ,
गाड़ी प्रदूषित करती धरा को ,
उसे कम से कम उपयोग मे लाए ।
कपड़े के थैले प्रयोग मे लाए ,
प्लास्टिक को करे टाटा और बाय ,
जानवर भी होते है इससे घायल ,
बात ये जल्दी से जल्दी समझ जाए ।
जल, वायु, भूमि सब प्रदूषित ,
प्रदूषित सारी प्रकृति हो रही,
नित नई प्राकृतिक आपदाओं से ,
प्रकृति अपना प्रकोप दिखा रही ।
कही कोई सूखे से मर रहा है ,
तो कही बाढ़ का आतंक छाया है ,
इन भयानक तबाही से बचने का ,
पर्यावरण संरक्षण ही एक सहारा है ।
मिलकर करे सब प्रकृति का सम्मान ,
ये करती हम पर अपना सब क़ुर्बान,
इसकी छत्र छाया मे हम बढते हैं,
होगा तभी देश का चहुंमुखी उत्थान ।
सभी मिलकर ये प्रण उठाए ,
पर्यावरण को हर तरह से बचाए,
मौत से पहले न मर जाए,
सभी तन मन से अपना कर्तव्य निभाए ।
