पर्यावरण
पर्यावरण
आज करें हम सब कुछ सार्थक
दिन रात दिलों में जागरण हो।
बढ़ाना जग को उजाले की ओर
मिलकर हम सबका यह प्रण हो।
बहुत हो चुकी मनमानी हमारी
बस अब से प्रकृति का उद्धरण हो।
कदम बढ़ाएँ स्वच्छता की ओर
कारखानों की गंदगी का हरण हो।
नदियों का भी ध्यान करें हम
उनकी शुद्धता का हवन हो।
वृक्ष लगाएँ , देश बचाएँ
प्रदूषण हटे, शुद्ध पर्यावरण हो...।
