प्रयास और सफलता
प्रयास और सफलता
हर साँझ के बाद ओ राही
आता है एक सवेरा
गम में ना रोना आशा संजोना
सिखाता है ये सवेरा।
गम के काले बादल
जल्दी छंट जाएंगे
राह कठिन भले हो
मंजिल हम ही पाएंगे।
जो छूट गया सो गया
अब उस पर क्या पछताना
मैं साथ तुम्हारे हूं
तुम भी अब हाथ बढ़ाना।
पदचिह्न तुम्हारे जग में
पहचान बनाएंगे ही
जो आंसू आज गिरे हैं
मोती बन जाएँगे ही,
जो सींची क्यारी तुमने
वो फ़ूल खिलाऎगी ही
मेहनत तेरी पल पल की
एक दिन रंग लाएगी ही।
ना रोना तुम किस्मत पर
अपनी किस्मत ख़ुद ही बनाना
मैं साथ तुम्हारे हूं
तुम भी अब हाथ बढ़ाना
तुम भी अब हाथ बढ़ाना।
