परतंत्र नहीं रहना अब
परतंत्र नहीं रहना अब
आया है आज शुभ दिन गणतंत्र ,
अब ना रहा ना रहेगा देश परतंत्र।
भारतीय नेता जब हुए जागरूक ,
बेड़ी काट भारत किया स्वतंत्र।।
देश का बढ़ाते आए सदा मान,
अपने देश के नौनिहाल वीर जवान।
गुलामी से हैं स्वतंत्र तो हुए हम महान,
आज के ही दिन तो बना था संविधान।
लेकिन बाद में रहा नहीं कोई बंधन,
बिन पगहे का हमारा बना स्वछंदन ।।
देश को अनुशासन में ही बाँधने हेतु ,
पगहे रूपी सिरमौर बना ये जनतंत्र ।