'परमवीर '
'परमवीर '
विक्रम बात्रा नाम था उसका बहादूरी का पाठ उसने पाराया था,
शरिर में धाव लेकर उसने पांच टूशमन को मार गिराया था,
श्रीनगर- लेह मार्ग के चोटी पर उसने भारत का तिरंगा लहराया था,
ऐसे ही नहीं वह शेरशाह कहलाया था,
'दिल मांगे मोर' का नारा लगाकर उसने दुशमन को मार भगाया था
देश को सर्वच्च बलिदान देकर बह करगिल का परमवीर कहलाया था।
अपने माँ से दूर होकर उसने भारत माँ को बचाया था,
ध्यन्य हे वो माँ जिसने ऐसा पुत्र पाया था,
शहादत का ताज उसने अपने परिबार को पहनाया था,
ऐसे वीरो को देखकर दुशमन भी घबराया था,
सलाम हे उन शहीदों को जो तिरंगे मैं लिपटकर अपने घर आया था।