प्रकृति
प्रकृति
कुछ तो नशा है ईन वादियों में,
जिनमे डूबने को जी चाहता है,
कोई तो काशिश है इन बादलों में,
जिनमे खो जाने को दिल चाहता है,
कुछ तो ऐसी बात है इस प्रकृति में,
जिसे बस देखने भर से ही खुशी मिलती है,
मन करता है कि उड़ जाऊँ,
इन पंछियो के संग मैं भी कहीं,
और बादलों को चिरता हुआ पहुचूँ ऐसी जगह,
जहाँ सिर्फ सुकुन हो,
जहाँ सिर्फ मैं रहूँ,
और हो एक ऐसी दुनिया
जो हरियाली से भरी हो |
