प्रकृति माँ
प्रकृति माँ
दिन की शुरुआत प्रकृति के साथ
लेकर हाथ में चाय फिर करो बात
प्रकृति से अनोखा रिश्ता है हमारा,
एक बेटे की तरह बता दो जज्बात
जीवन का तेरा हर तनाव दूर होगा
हर ग़म में भी तू खिलता फूल होगा
तेरी हर समस्या जड़ से मिट जायेगी
प्रकृति प्रेम से तेरा घर भी सुंदर होगा
प्रकृति से तुझे बहुत आनन्द मिलेगा
इतना की तेरे उर में समाता न होगा
वापिस लौट चलो सब जंगल की ओर,
जंगलों से ही सिर्फ हमारा भला होगा
अपनी प्रकृति माँ का तुम ख्याल करो
माँ की ममता से हमारा हर रोग दूर होगा
जबतक जिस्म में जान, रखो माँ का ध्यान
मां की गोद मे जन्नत का अहसास होगा