परियो जैसा उसका ख्वाब
परियो जैसा उसका ख्वाब
सपनों के महलों में उजियाली धूप की छांव में,
परियों की भांति रहना उसका स्वप्न था,
उड़ने लगी बुनने लगी हजारों स्वप्न वो,
जिनका पूरा होना असम्भव था,
हाथों में घर की जिम्मेदारी थमा दी,
बाहर जाने की हर ख्वाहिश दबा दी,
बस्ता छीन उसका बांध दिया उसको जेलों में,
कहां परियों जैसा स्वप्न था,
कहां वो बंद पक्षियों की भांति कैद,
परियों की कहानी असल में कल्पनाओं का जाल है,
यह कोई हकीकत नहीं बल्कि आंखों का ख्वाब है,
पल भर में ओझल हो जाता यह तो स्वप्नों का जाल है,
जिसका कोई आशियाना नहीं यह तो हसीन ख्वाब है।