परिवार
परिवार
हंसी-खुशी में संग में रहते,
हमें कितना सुन्दर परिवार मिला
दादा-दादी संग बच्चें खेलें,
चाचा-चाची, बुआ-फूफा से प्यार बड़ा।
एक-दूजे का हाथ पकड़ते,
बराबर होता जो हर कोई खड़ा
छोटा करो तो बड़ा है बनेता,
गुण गाता परिवार सदा।
शिक्षित, संगठित परिवार रहा जो,
गरीब/गुलाम न कभी बना
पत्ते-पत्ते की तरह बिखर जाते सब,
परिवार में जब, शक/दरार का बीज पड़ा।