परिश्रम
परिश्रम
अवसरों की है कमी नहीं
हमें स्वयं को जगाना है
अपने हाथों ही हमें
अपना भविष्य बनाना है।
हाँ, है यह समुद्र अति विशाल
उपर से यह लहरें विकराल
पर तुझमे भी है एक मशाल
सामर्थ्य है तुझमे बेमिसाल।
मेहनत तेरी नैया है
संयम तेरी खिवैया है
धैर्य तेरी पूंजी है
तेरे हाथों ही तेरी कुंजी है।
तू सोच तुझे क्या करना है
लहरों में मिलना है या लड़ना है।
तू हिम्मत न हार उठेगी ज्वार
बन जाह्नवी की धवल धार
कर इस बैतरणी को पार
फिर देख उस पार...
सफलता कर रही है तेरा इंतज़ार।
