प्रेम में अति नहीं होती
प्रेम में अति नहीं होती
ज्यादा
कुछ भी
अच्छा
नहीं होता
ना हीं
श्रेयस्कर
होता है
औसत
होना
ठीक है
लेकिन
प्रेम पर
यह लागू
नहीं है
प्रेम की
प्रकाष्ठा
प्रेम है
यह
अनंत है
अति
प्रेम में
वर्चित
नहीं है।
ज्यादा
कुछ भी
अच्छा
नहीं होता
ना हीं
श्रेयस्कर
होता है
औसत
होना
ठीक है
लेकिन
प्रेम पर
यह लागू
नहीं है
प्रेम की
प्रकाष्ठा
प्रेम है
यह
अनंत है
अति
प्रेम में
वर्चित
नहीं है।