परिंदा
परिंदा
उम्मीद का परिंदा
पर फड़फड़ाता है
जब मजबूत हो हौसला
आसमान गले लगाता है
भले दूर हो चाँद तारे
छुने का जज्बा आता है
उम्मीद लाती है रंग तब
सीना चौड़ा हो जाता है
रास्ते हो कितने भी कठीण
राह चलना वो जानता है
उम्मीद की पकड हो अच्छी
अंजाम अच्छा होगा मानता है