प्रीत
प्रीत
बांधी मैंने ऐसी प्रीत की डोरी,
जिसमें ना बसी कोई कहानी,
मृगजल जैसी यादों की सवारी,
समुंद्रों के भँवर-सी, बातों की कहानी;
बांधी ऐसी प्रीत की डोरी|
नकली फूलों-सी फोरम, मुस्कुराहट तेरी;
चाँद, सूर्य का मिलन, बयां करती नैनी,
प्रीत की लगी मौत बनी मेरी,
विष प्याला क्यों लगे अमृत जानी,
बांधी मैंने ऐसी प्रीत की डोरी|

