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Daizy Lilani

Abstract Romance

3  

Daizy Lilani

Abstract Romance

प्रीत

प्रीत

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 बांधी मैंने ऐसी प्रीत की डोरी,

जिसमें ना बसी कोई कहानी,

मृगजल जैसी यादों की सवारी,

समुंद्रों के भँवर-सी, बातों की कहानी;

बांधी ऐसी प्रीत की डोरी|


नकली फूलों-सी फोरम, मुस्कुराहट तेरी;

चाँद, सूर्य का मिलन, बयां करती नैनी,

प्रीत की लगी मौत बनी मेरी,

विष प्याला क्यों लगे अमृत जानी,

बांधी मैंने ऐसी प्रीत की डोरी|


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