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Daizy Lilani

Drama

4.9  

Daizy Lilani

Drama

प्रीत

प्रीत

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बांधीे मैने ऐसी, प्रीत की डोरी ।

जिसमें ना, बसी कोई कहानी ।


मृगजल जैसी, यादों की सवारी ।

समंदर के भँवर सी, बातों की कहानी ।


बांधीे मैने ऐसी, प्रीत की डोरी ।।।

नकली फूलोंसी फोरम, मुस्कुराहट तेरी ।


चाँद, सूर्य का मिलन, बयाँ करती नैनी ।

प्रीत की लगी, मौत बनी मेरी ।


विष प्याला, क्यों लगे?! अमृत जानी ।

बांधीे मैने ऐसी , प्रीत की डोरी ।


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