पढ़ेगा इंडिया ...
पढ़ेगा इंडिया ...
शिक्षा वरदान है !
आधुनिक काल में साक्षात ,
भगवान है !
शिक्षा वह कल्पवृक्ष है
जो मनोवांछित फल देता है !
दुर्भाग्य की रेखाओं को
सौभाग्य में बदल देने का
चमत्कार दिखलाता है !
शिक्षा के कारण ही इंसान
भिक्षा के लिए हाथ न दूसरों
के आगे फैलाता है ........
क्योंकि शिक्षा वह कामधेनु गाय
के समान देती रहती है धन धान्य
तो वह सम्मान से जीवन बिताता है !
शिक्षा वह अनमोल रत्न है जो
उसके जीवन को नित सुख सुविधा
की करते बौछार ......
इस शिक्षा से ही जीवन में है सारे छप्पन
भोग और सपनों का संसार .....
पर अफ़सोस ये शिक्षा का उपहार ..
सबको नहीं मिल पाता है ....
अभी भी निर्धन दीन हीन व्यक्ति धनवान
के घर के आगे शीश झुकाता है !
अभी भी शिक्षा का अधिकार नहीं सबको
मिल पाता है !
अभी भी पढ़ाई लिखाई से एक तबका बहुत
दूरी बनाता है !
इसलिए देश भी विकास की राह पर आगे नहीं
बढ़ पाता है !
काश कि मेरे देश के सभी बच्चों को मिलता
स्कूल में ....
पढ़ने लिखने का अधिकार!
फिर तो आत्मनिर्भर होने की हम भरते हुँकार !
क्या पढ़ेगा इंडिया का सपना पूरा हो पाएगा !
क्या अब हर घर का बच्चा स्कूल जा पाएगा !!
या फिर यूँ ही ये मात्र एक वाक्य रह जाएगा !!
काश कि देश की साक्षरता दर सौ प्रतिशत हो जाए !
तो मेरे देश भारत का परचम विश्व में लहराए !!
