प्रेरणा
प्रेरणा
जाने क्या क्या है ये दुनिया
और जाने क्या क्या है इस जीवन में
दुनिया और जीवन के
अन्तर्सम्बन्ध के बीच
एक क्रिया है
कभी जीवन दुनिया सा हो जाता है
तब जब हम अपनी क्रिया के
अपने ऊपर प्रतिक्रिया से
अनभिज्ञ बेसबब,बेवजह
अपनी क्रियाशीलता में
मशगूल रहते हैं
जीवन रोबोटिक हो जाता है
सक्रिय पर अपनी सम्बेदना से
अनभिज्ञ।
कभी दुनिया जीवन सी हो जाती है
जब प्रेरणा हमारी क्रिया को
आच्छादित कर लेती है
हमारे लिये
हम रोबोट की तरह ही चल पड़ते हैं
अपनी ओर।
जाहिर है हमारी दुनिया बदलने की
जरूरत हमारी जरूरत से जुड़ जाती है
और हम अपनी हर क्रिया का
अपने ऊपर होने वाली प्रतिक्रया को
समझ पाते हैं
नेपथ्य में हमारी प्रेरणा होती है
हम अपनी प्रेरणा के वशीभूत
अपने को बदलने लगते है
और देखते देखते ये
दुनिया और अधिक
प्रसांगिक हो जाती है
और उसकी अप्रसंगिगता
तिरोहित होने लगती है।