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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

प्रेमरस ही जीवन होता है

प्रेमरस ही जीवन होता है

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प्रकृति को छेड़ रहे हो,

और हिन्दू मुसलमान की पेल रहे हो,

दूषित कर डाला सत्ता के लिये,

क्यों मानव जीवन को गुमराह कर रहे हो।

एकता और भाई चारा विश्व समाज की पहचान है।

जग में हिंसावादी विचार नहीं जीने का एहसास है।

किसी के बहकावे में हिंसा मत करो,

विचारधारा बदलो और विचार रखो।

भारत को अहिंसावादी बनाओ,

ईद मनाओ होली मनाओ,

प्रेमरस ही जीवन होता है,

मिलजुल कर साथ निभाओ।


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