कलम की स्याही बहे, प्रेमरस लिए नित, स्वरों को सजा लो तुम, प्रेम रूपी राग से। कलम की स्याही बहे, प्रेमरस लिए नित, स्वरों को सजा लो तुम, प्रेम रूपी रा...
जग की प्यास बुझानेवाले तुझे प्रेम रस पिलाकर बहकाऊँ कैसे। जग की प्यास बुझानेवाले तुझे प्रेम रस पिलाकर बहकाऊँ कैसे।
कैसे कहें हम कि हमें तुमसे बहुत प्यार है तुम दिल की बातें बिन कहे समझ जाओ ना । कैसे कहें हम कि हमें तुमसे बहुत प्यार है तुम दिल की बातें बिन कहे समझ जाओ न...
अब आ भी जाओ हृदयवर, विवशता जान पर आयी है। अब आ भी जाओ हृदयवर, विवशता जान पर आयी है।
दूषित कर डाला सत्ता के लिये, क्यों मानव जीवन को गुमराह कर रहे हो। दूषित कर डाला सत्ता के लिये, क्यों मानव जीवन को गुमराह कर रहे हो।
होली है आई, उड़ा है रंग, फागुन है आया लेकर बसंत। होली है आई, उड़ा है रंग, फागुन है आया लेकर बसंत।