प्यास
प्यास
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सारा जग तेरे प्रेम का प्यासा
तेरी प्यास बुझाऊँ कैसें
महकती प्रेम की बगीया को
मोहन और मैं महकाऊँ कैसे
प्रेम की अविरत धारा को मेरे
प्रेम से बोलो रिझाऊँ कैसें
जग की प्यास बुझानेवाले
तुझे प्रेम रस पिलाकर बहकाऊँ कैसे।