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Hargovind Wadhwani

Inspirational

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Hargovind Wadhwani

Inspirational

प्रेम

प्रेम

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समज नहीं पाया, ख़ुशियाँ मनाऊँ या ग़म....।

कुछ ऐसा आजतक कर ना पाया, 

दुनिया में जब से हूँ मैं आया,

शिकायत करता हूँ किसी की जब,

अवगुण मेरे ही खाने को दौड़ते है तब,

लगता है, नाकाम हूँ....!


लेखा देखता हूँ अपना मैं जब.....!

प्यार करना था जिसको मैं कर ना पाया,

भागा हूँ दुनिया ही के पीछे,

जब से मैं दुनिया मे हूँ आया.....!


कदर जिस को नहीं थी मेरी और मेरे प्यार की,

हर पल उनके पीछे ही भागता नज़र मैं आया.......!

नेह वहाँ क्यूँ ना लगाया,

जिस ने हर पल मुझे अपने गले से है लगाया......!

जो कमाया, कच्चा और जूठा नाम कमाया,

असल में तो अब तक सिर्फ़ है गँवाया,

ना सच से जुड़ा ना सचा नाम कमाया.....! 


बहती जा रही ज़िंदगी को देखा,

लगा अब समय नहीं बच पाया,

करना था जो सो ना किया,

हरगोविंद जाग अब, कर अब ही तू जो नहीं कर पाया.....!


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