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Neelam Arora

Abstract

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Neelam Arora

Abstract

प्रेम

प्रेम

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चिड़िया की तरह,

मेरे आंगन में फुदका !


चोंच मार कर,

सोहबत का दाना चुगा !


प्रसन्नता से मेरे,

कंधे पर बैठा !


चंचलता से मेरी,

मुंडेर पे चहका !


और फिर चुपके से,

पंख फैला के उड़ गया !


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