STORYMIRROR

प्रेम

प्रेम

1 min
949


करे कुछ कर्म ऐसा की उन्हें आराम हो जाये,

पड़े पग जहाँ उसके जमी वो धाम हो जाये,

सुधर जाये ये जीवन तब समर्पण हो तुम्हारा जब,

मेरा जो है अभी वो कल तेरे ही नाम हो जाये।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Love in poem with arpit srivastava

Similar hindi poem from Drama