Achyut Umarji

Romance

4  

Achyut Umarji

Romance

प्रेम

प्रेम

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सच कहूं...

तू मान या ना मानो...

के मैं मानता हूं की...

तुम तब भी मोहब्बत करती थी...


आज भी करती हो...

तब घरवालों से घबराती थी...

आज दुनिया से...

की मेरी कविताएं तुझे...


तेरी भावनाओं को...

सचेत करती है...

मोहब्बत दोनों को परेशान कर रही है...

अब इस उम्र में आकर...

क्या कहें, क्या करें...?


किससे सलाह मशवरा करें...

की घुट घुट के कैसे जीएं हम...

काश !


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