STORYMIRROR

Nishant dhingra

Romance

3  

Nishant dhingra

Romance

प्रेम स्वप्न

प्रेम स्वप्न

1 min
785

ये दुनिया है सपनों की जिसमें

कुछ भी हो जाता है,

असल जिंदगी से कहीं दूर

नये पहलू दिखलाता है।


कुछ सपने ऐसे होते हैं

जिनके सच होने का डर लगता है, 

और कुछ सच होने पर

जैसे ख़ुदा मिलने सा लगता है।


मैंने भी एक सपना देखा,

सपने में कोई अपना देखा,

जिससे मिलने की सोच कर

ये दिल यूं बस रो पड़ता है।


क्योंकि सपने में मिलना भी

एक सपने जैसा लगता है, 

एक सपने जैसा लगता है।


जहां मिली थी वो सपने में

वो जगह लेकिन असली थी,

जहां मिलते थे हम कभी

ये जगह शायद वही थी।


दिन भी वो कुछ अब

मुझको जाना पहचाना लगता है

कि इतने में सुबह हो जाती है

और सपना हमारी कहानी सा

फिर से अधूरा रह जाता है। 


लेकिन फ़िर भी दिल कहता है,

मिलेगी वो वहीं मुझको,

जहां पर दिल उसने तोड़ा था,

उसी जगह पर पहली बार

मैंने दिल अपना छोड़ा था,

मैंने दिल अपना छोड़ा था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance